रोज कितने काजू खाना है ठीक? विशेषज्ञों ने बताया सही मात्रा, फायदे और किन चीज़ों से बचना ज़रूरी
नई दिल्ली। ड्राय फ्रूट्स में काजू सबसे ज्यादा खाया जाने वाला विकल्प है, लेकिन अधिक मात्रा में सेवन से फायदे कम और नुकसान ज़्यादा हो सकते हैं। पोषण विशेषज्ञों के अनुसार रोज कितने काजू खाने चाहिए, किस समय खाना फायदेमंद है और किन चीज़ों के साथ काजू से बचना चाहिए — इन सभी पर नई जानकारी सामने आई है।
रोज कितने काजू सुरक्षित?
विशेषज्ञों के मुताबिक सामान्य वयस्क के लिए 5 से 8 काजू प्रतिदिन पर्याप्त हैं। सक्रिय जीवनशैली वाले लोग 10-12 काजू ले सकते हैं, जबकि कुछ पोषण रिपोर्ट्स लगभग 15–20 काजू (लगभग 28 ग्राम) को भी सुरक्षित सीमा मानती हैं। इसका उद्देश्य शरीर को स्वस्थ वसा, प्रोटीन और मिनरल्स देना है, लेकिन अतिरिक्त कैलोरी से बचना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
काजू के प्रमुख स्वास्थ्य लाभ :
काजू में स्वस्थ वसा, प्रोटीन, मैग्नीशियम, जिंक, तांबा और एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो दिल और हड्डियों की मजबूती के लिए फायदेमंद माने जाते हैं। सीमित मात्रा में रोजाना सेवन से ऊर्जा स्तर बेहतर रहता है और भूख नियंत्रण में मदद मिलती है। कई स्वास्थ्य विशेषज्ञ भिगोए हुए या हल्के भुने काजू को पाचन के लिए अधिक उपयुक्त बताते हैं।
किन चीज़ों के साथ काजू खाने से बचें :
डायट विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि काजू के तुरंत बाद कुछ चीज़ें खाने से पाचन पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
इनमें शामिल हैं :-
1. दही या ठंडी चीज़ें: काजू गर्म तासीर वाला होता है, दोनों के मिश्रण से गैस, अपच और एसिडिटी की समस्या हो सकती है।
2. अत्यधिक मीठे फल: शुगर और कैलोरी तेजी से बढ़ सकती हैं।
3. तला-भुना भोजन: काजू पहले से हाई-फैट फूड है, साथ में भारी खाद्य पदार्थ पचने में दिक्कत देते हैं।
4. दूध, चाय या कॉफी: काजू खाने के तुरंत बाद लेने पर पाचन धीमा हो सकता है, विशेषज्ञ 30–45 मिनट का अंतर रखने की सलाह देते हैं।
दिन का सबसे अच्छा समय:
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार काजू को सुबह या शाम, हल्के स्नैक के रूप में खाना सबसे बेहतर माना गया है। इससे शरीर को ऊर्जा मिलती है और अनावश्यक कैलोरी लोड भी नहीं बढ़ता।
निष्कर्ष :
काजू स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं, लेकिन सीमित मात्रा और सही संयोजन बेहद जरूरी है। विशेषज्ञों का कहना है कि जरूरत से ज्यादा काजू वजन, पाचन और कैलोरी संतुलन पर नकारात्मक असर डाल सकते हैं। इसलिए संतुलित मात्रा में रोजाना सेवन करना ही सबसे सुरक्षित विकल्प है।

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