रेपो रेट कटौती का लाभ ग्राहकों तक पहुँचाने में बैंकों की सुस्ती : RBI गवर्नर ने दिए कड़े निर्देश
मुंबई/नई दिल्ली। रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) ने बैंकों को स्पष्ट संदेश दिया है कि रेपो रेट में हुई कटौती का लाभ अब देरी के बिना उपभोक्ताओं तक पहुँचाया जाए। RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने मंगलवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और बड़े निजी बैंकों के प्रमुखों के साथ बैठक में कहा कि रेपो रेट जितनी बार कम हुआ है, उसका फायदा तुरंत ग्राहकों की EMI में दिखना चाहिए।
फरवरी 2025 से अब तक RBI कुल 1.25% (125 बेसिस प्वाइंट) रेपो रेट में कटौती कर चुका है और वर्तमान दर 5.25% पर है। आर्थिक मोर्चे पर भी देश की GDP ग्रोथ 8% के पार चल रही है। इसके बावजूद कई बैंक अभी भी पुराने और ऊँचे ब्याज दरों पर लोन जारी रख रहे हैं, जिससे उधार लेने वाले ग्राहकों को कोई राहत नहीं मिल पा रही।
गवर्नर ने बैठक में साफ कहा कि यह पैसा जनता का है और लाभ भी जनता को मिलना चाहिए। उन्होंने बैंकों से मांग की कि ब्याज दरों में कटौती तुरंत लागू करें और उपभोक्ताओं की EMI में इसका सीधा असर दिखे।
बैंकिंग सेक्टर की स्थिति सुधरी, लेकिन RBI की चेतावनी भी साफ
गवर्नर मल्होत्रा ने माना कि 2025 में बैंकों की सेहत बेहतर हुई है, NPA स्तर घटा है और बैलेंस शीट मजबूत हुई है। लेकिन साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि लापरवाही या उपभोक्ताओं के हितों की अनदेखी स्वीकार नहीं की जाएगी।
उन्होंने बैंकों को निर्देश दिए:
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तकनीक का इस्तेमाल बढ़ाएँ ताकि बैंकिंग सेवाएँ सस्ती हों
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ग्राहक शिकायतों का निपटान तेज़ करें
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डिजिटल फ्रॉड पर सख़्त निगरानी रखें
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इंटेलिजेंस-बेस्ड सुरक्षा उपाय अपनाएँ
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री-केवाईसी और अनक्लेम्ड डिपॉजिट को लौटाने की प्रक्रिया में गति लाएँ
RBI के अनुसार यह बैठक नियमित समीक्षा प्रक्रिया का हिस्सा है। पिछली बैठक 27 जनवरी 2025 को हुई थी।
EMI कब घटेगी? अब बारी बैंकों की
RBI की ओर से लगातार संकेत स्पष्ट हैं - अगर बैंक तुरंत कार्रवाई नहीं करते, तो केंद्रीय बैंक आगे और भी सख़्त कदम उठा सकता है।
विश्लेषकों का कहना है कि यदि बैंक RBI के निर्देशों का पालन करते हैं, तो आने वाले हफ्तों में —
होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन की EMI में स्पष्ट कमी देखने को मिल सकती है।
अब पूरा मामला बैंकों की प्रतिक्रिया पर निर्भर है।

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