दिल्ली में खुले में कचरा जलाने पर ₹5,000 जुर्माना लागू : तंदूर में कोयला-लकड़ी भी पूरी तरह प्रतिबंधित

दिल्ली में खुले में कचरा जलाने पर ₹5,000 जुर्माना लागू : तंदूर में कोयला-लकड़ी भी पूरी तरह प्रतिबंधित

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए सख्त कदम उठाते हुए खुले में कचरा, पत्ते, प्लास्टिक और अन्य बेकार सामग्री जलाने पर तुरंत ₹5,000 का जुर्माना लागू करने का आदेश जारी किया है। यह कार्रवाई दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) के निर्देशों के आधार पर की गई है, जिसका लक्ष्य स्थानीय स्तर पर प्रदूषण के प्रमुख स्रोतों को नियंत्रित करना है।

आदेश के अनुसार, किसी भी सार्वजनिक या निजी क्षेत्र में कचरा जलाते पकड़े जाने पर त्वरित जुर्माना वसूली की जाएगी, और यह राशि सीधे DPCC के खाते में जमा होगी।

तंदूर में कोयला-लकड़ी जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध :

सिर्फ कचरा जलाने ही नहीं, बल्कि दिल्ली सरकार ने होटलों, रेस्‍तरां और दुकानों में तंदूर को कोयला या लकड़ी से चलाने पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगाया है।
अब तंदूर केवल बिजली या स्वच्छ ईंधन से ही संचालित किए जा सकेंगे।

यह कदम उन इलाकों में प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है जहां स्थानीय स्तर पर धुआं प्रदूषण का बड़ा कारण बनता है।

अधिकारियों को सख्त कार्रवाई और रिपोर्टिंग के निर्देश :

DPCC ने सभी जिलों के प्रशासनिक अधिकारियों, MCD और NDMC को निर्देश दिया है कि:

  • जुर्माना तुरंत वसूला जाए

  • एक्शन रिपोर्ट हर महीने DPCC को भेजी जाए

  • प्रतिबंधों के उल्लंघन पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए

इन आदेशों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए लागू नियम सिर्फ़ कागज़ी न रहें, बल्कि जमीनी स्तर पर उनका प्रभाव दिखे।

प्रदूषण नियंत्रण के लिए आवश्यक कदम :

विशेषज्ञों के अनुसार, खुले में कचरा और पत्ते जलाना दिल्ली की हवा को विषाक्त बनाने वाला प्रमुख कारण है। प्लास्टिक और रबर जैसे पदार्थ जलने पर अत्यधिक जहरीले रसायन और धुआं निकलता है, जो शहर के AQI को गंभीर स्तर पर पहुंचा देता है।
तंदूर में कोयला-लकड़ी का इस्तेमाल भी शहरी इलाकों में स्मॉग और स्थानीय प्रदूषण में योगदान देता है।