ठंड में केला–संतरा खाएं या नहीं? बढ़ती सर्दी में लोगों की उलझन पर जानें स्पष्ट जवाब

ठंड में केला–संतरा खाएं या नहीं? बढ़ती सर्दी में लोगों की उलझन पर जानें स्पष्ट जवाब

नई दिल्ली। सर्दी तेज़ होने के साथ यह सवाल फिर सामने है—क्या ठंड के मौसम में केला और संतरा खाना सही है या इससे खांसी-जुकाम बढ़ सकता है? बाज़ार में दोनों फलों की अच्छी आवक है, लेकिन कई लोग आशंकाओं के कारण इन्हें खाने से बचते हैं। वास्तविकता यह है कि हर व्यक्ति की शारीरिक तासीर अलग होती है, इसलिए एक जैसा असर सभी पर नहीं होता। फिर भी, इन फलों से खांसी क्यों बढ़ सकती है और किन सावधानियों की जरूरत है—यह समझना ज़रूरी है।

संतरे से खांसी क्यों बढ़ती है? :-
अम्लीय प्रकृति: संतरे में मौजूद साइट्रिक एसिड कुछ लोगों की गले की झिल्ली को उत्तेजित करता है। अगर पहले से गले में खराश या खांसी है, तो समस्या बढ़ सकती है।
म्यूकस ट्रिगर: खट्टे खाद्य पदार्थ बलगम को पतला करते हैं, जिससे गला बार-बार साफ करने की इच्छा होती है और खांसी तेज महसूस होती है।
हल्की एलर्जी: कुछ लोगों में संतरे के तत्व हल्की एलर्जिक प्रतिक्रिया दे सकते हैं—खुजली, खांसी, छींकें आदि।

केले से परेशानी क्यों बढ़ सकती है? :-
ठंडी तासीर: केला ठंडा माना जाता है। ठंड के मौसम में या रात के समय इसका सेवन कई लोगों में गले की खराश और खांसी को बढ़ा देता है।
बलगम बढ़ना: कुछ लोगों का शरीर केले के बाद अधिक म्यूकस बनाता है, जिससे पहले से चल रही सर्दी-जुकाम की स्थिति खराब हो सकती है।
पाचन संवेदनशीलता: जिन लोगों को केला पचता नहीं, उनमें गैस, एसिडिटी या अपच बढ़ती है, जो गले में जलन और खांसी की वजह बन सकती है।

किस तरह खाएं कि खांसी न बढ़े?
1. संतरा - अगर खांसी पहले से है, तो खट्टे फलों का सेवन कुछ दिनों के लिए सीमित रखें। संतरा खाने के तुरंत बाद ठंडी हवा से बचें। सुबह या दोपहर के समय खाएं, रात में बिल्कुल न खाएं।

2. केला -रात में केला खाने से बचें, ठंडा फल होने के कारण लक्षण बढ़ सकता है। अगर बलगम पहले से ज़्यादा बन रहा है, तो 2–3 दिन केला पूरी तरह छोड़ दें। हल्की सर्दी में केला गुनगुने पानी के साथ लिया जा सकता है, जिससे गला कम प्रभावित होता है।