दिसंबर 2025 में बना अद्भुत 'महासंयोग' : एक ही महीने में पड़ेंगी 3 एकादशी, नोट करें तारीख, महत्व और पारण का समय

दिसंबर 2025 में बना अद्भुत 'महासंयोग' : एक ही महीने में पड़ेंगी 3 एकादशी, नोट करें तारीख, महत्व और पारण का समय

नई दिल्ली। सनातन धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। इसे भगवान विष्णु की सबसे प्रिय तिथि माना जाता है। सामान्यतः हर महीने में दो एकादशियां आती हैं (एक कृष्ण पक्ष और एक शुक्ल पक्ष), लेकिन साल 2025 का आखिरी महीना यानी 'दिसंबर' भक्तों के लिए एक दुर्लभ सौगात लेकर आ रहा है।

ग्रह-नक्षत्रों और तिथियों की गणना के अनुसार, दिसंबर 2025 में दो नहीं, बल्कि तीन एकादशी का संयोग बन रहा है। यह महीना आध्यात्मिक साधना और ईश्वर भक्ति के लिए अत्यंत फलदायी साबित होगा। इस माह मोक्षदा, सफला और पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत रखा जाएगा।

आइए जानते हैं तीनों एकादशियों की तारीख, महत्व और पूजा का शुभ मुहूर्त।

  1. मोक्षदा एकादशी (Mokshada Ekadashi) :
  • तारीख: 1 दिसंबर 2025
    मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोक्षदा एकादशी कहते हैं। जैसा कि नाम से स्पष्ट है, यह व्रत मोक्ष प्रदान करने वाला है।
  • महत्व: पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत के प्रभाव से पूर्वजों को नरक से मुक्ति मिलती है और बैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है। राजा वैखानस ने इसी व्रत के पुण्य से अपने पिता को मुक्ति दिलाई थी। इसी दिन 'गीता जयंती' भी मनाई जाती है।
  • शुभ मुहूर्त और समय:
    तिथि प्रारंभ: 30 नवंबर, रात 09:29 बजे से।
    तिथि समाप्त: 01 दिसंबर, शाम 07:01 बजे तक।
    पूजा का मुहूर्त: 1 दिसंबर, सुबह 06:56 से 08:15 बजे तक।
    व्रत पारण: 2 दिसंबर, शाम 06:57 से रात 09:03 बजे तक।

       2. सफला एकादशी (Saphala Ekadashi)
           तारीख: 15 दिसंबर 2025
           पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को सफला एकादशी कहा जाता है।

           महत्व: 'सफला' का अर्थ है सफल करने वाली। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और रात्रि जागरण करने से हजारों वर्षों की तपस्या के बराबर पुण्य मिलता               है। यह व्रत जीवन के हर कार्य में सफलता और मनोकामना सिद्धि दिलाता है।

  • शुभ मुहूर्त और समय:
    तिथि प्रारंभ: 14 दिसंबर, शाम 06:49 बजे से।
    तिथि समाप्त: 15 दिसंबर, रात 09:19 बजे तक।
    पूजा का मुहूर्त: 15 दिसंबर, सुबह 07:06 से 08:24 बजे तक।
    व्रत पारण: 16 दिसंबर, सुबह 07:07 से रात 09:11 बजे तक।

       3. पौष पुत्रदा एकादशी (Paush Putrada Ekadashi)

  • तारीख: 30 दिसंबर 2025
    दिसंबर माह का समापन पौष शुक्ल पक्ष की पुत्रदा एकादशी के साथ होगा।
  • महत्व: जो दंपत्ति संतान सुख से वंचित हैं या संतान की सुख-समृद्धि और लंबी आयु चाहते हैं, उनके लिए यह व्रत वरदान समान है। यह पितृदोष से मुक्ति         दिलाने और पापों का नाश करने में भी अत्यंत प्रभावी माना जाता है।
  • शुभ मुहूर्त और समय:
    तिथि प्रारंभ: 30 दिसंबर, सुबह 07:50 बजे से।
    तिथि समाप्त: 31 दिसंबर, सुबह 05:00 बजे तक।
    पूजा का मुहूर्त: 30 दिसंबर, सुबह 09:49 से 11:06 बजे तक।
    व्रत पारण: 31 दिसंबर, दोपहर 01:26 से 03:31 बजे तक।