मैनपाट-बस्तर के रिसॉट्र्स को लीज पर देने की तैयारी : टाटा-महिंद्रा जैसी बड़ी कंपनियों ने दिखाई रुचि

मैनपाट-बस्तर के रिसॉट्र्स को लीज पर देने की तैयारी : टाटा-महिंद्रा जैसी बड़ी कंपनियों ने दिखाई रुचि
रायपुर (चैनल इंडिया)। पर्यटन विभाग राज्य के 17 सरकारी रिसाट्र्स को लीज पर देने की तैयारी में है। टेंडर प्रक्रिया शुरू होने से पहले कंपनियों ने इन रिसाट्र्स का निरीक्षण करना भी शुरू कर दिया है। खास बात यह है कि, इस बार देश की दो प्रमुख कंपनियां टाटा और महिंद्रा इन रिसाट्र्स में निवेश को लेकर रुचि दिखा रही हैं। हाल ही में इन कंपनियों के प्रतिनिधियों ने बस्तर संभाग के कोंडागांव और जगदलपुर स्थित प्रमुख रिसॉट्र्स का दौरा किया। 
जगदलपुर वर्तमान में छत्तीसगढ़ का सबसे लोकप्रिय पर्यटन केंद्र बन चुका है। यहां पर्यटन विभाग द्वारा संचालित रिसॉर्ट पर्यटकों की पहली पसंद में शामिल है। विभाग को अकेले जगदलपुर रिसॉर्ट से हर साल लाखों रुपये की आमदनी होती है। अब जब देश की शीर्ष कंपनियां रुचि दिखा रही हैं, तो संभावना है कि ये दोनों कंपनियां लीज के टेंडर में हिस्सा लेंगी। इससे छत्तीसगढ़ में पर्यटन को नया आयाम मिलेगा और रिसॉट्र्स को बेहतर सुविधा व संचालन के साथ राष्ट्रीय पहचान भी मिल सकेगी।
टाटा और महिंद्रा जैसी दिग्गज कंपनियों को मैनपाट, चिल्पी और कुरदर घाटी में स्थित रिसॉट्र्स की लोकेशन बेहद आकर्षक लगी है। छत्तीसगढ़ पर्यटन विभाग के 17 सरकारी रिसॉट्र्स को लीज पर देने की प्रक्रिया से पहले देश के बड़े शहरों से कंपनियों का राज्य में आना शुरू हो गया है। दिल्ली, मुंबई सहित अन्य महानगरों से आई कंपनियां अब तक कई प्रमुख रिसॉट्र्स जैसे मैनपाट, चिल्पी घाटी और बस्तर का दौरा कर चुकी हैं। अभी टेंडर प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है, विभाग द्वारा फिलहाल सभी रिसॉट्र्स की लीज वैल्यू तय करने की प्रक्रिया चल रही है। ज्यादातर रिसॉर्ट 10 से 20 एकड़ क्षेत्र में फैले हुए हैं, जिससे कंपनियों को नई सुविधाएं, कंस्ट्रक्शन और एक्सपेंशन के लिए भरपूर स्थान मिल सकता है।
मंजूरी के बाद टेंडर किया जाएगा जारी
पर्यटन मंडल के प्रबंध संचालक विवेक आचार्य ने बताया कि कंपनियों ने प्रदेश के कई सरकारी रिसॉर्ट का भ्रमण किया है और उन्हें इन रिसॉट्र्स की लोकेशन काफी पसंद आई है। उम्मीद जताई जा रही है कि ये कंपनियां आने वाली टेंडर प्रक्रिया में भाग लेंगी। पर्यटन मंडल द्वारा लीज पर देने की प्रक्रिया को अंतिम रूप देने के बाद कैबिनेट से मंजूरी के बाद टेंडर जारी किया जाएगा।