फ्लाइट में 15 मिनट की देरी पर अब होगी सख्त जांच: DGCA का नया आदेश

फ्लाइट में 15 मिनट की देरी पर अब होगी सख्त जांच: DGCA का नया आदेश

नई दिल्ली। हवाई यात्रियों की बढ़ती परेशानियों और हाल ही में हुई फ्लाइट्स की भारी अव्यवस्था को देखते हुए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने एक बड़ा और सख्त फैसला लिया है। अब अगर कोई भी फ्लाइट तकनीकी खराबी (Technical Snag) की वजह से अपने निर्धारित समय से 15 मिनट या उससे ज्यादा लेट होती है, तो उसकी अनिवार्य जांच (Mandatory Investigation) की जाएगी।

क्या है नया आदेश? DGCA द्वारा जारी नए निर्देशों के अनुसार, एयरलाइन्स को अब केवल देरी का कारण बताकर पल्ला झाड़ने की छूट नहीं मिलेगी। उन्हें लिखित में जवाब देना होगा कि:
1. देरी का असली तकनीकी कारण क्या था?
2. खराबी को ठीक करने के लिए क्या तुरंत कदम उठाए गए?
3. भविष्य में ऐसी खराबी दोबारा न हो, इसके लिए क्या उपाय किए गए हैं?

72 घंटे का अल्टीमेटम नियमों को और कड़ा करते हुए रेगुलेटर ने कहा है कि किसी भी बड़ी तकनीकी खामी की जानकारी तुरंत DGCA को देनी होगी और 72 घंटे के भीतर इसकी विस्तृत रिपोर्ट जमा करनी होगी। यदि किसी विमान में एक ही तरह की खराबी बार-बार (3 बार से अधिक) आती है, तो उसे 'गंभीर दोष' मानकर विशेष जांच के दायरे में लाया जाएगा।

क्यों लिया गया यह फैसला? दिसंबर 2025 में इंडिगो (IndiGo) और अन्य एयरलाइन्स में तकनीकी खराबियों और क्रू की कमी के चलते हजारों फ्लाइट्स कैंसिल और लेट हुईं, जिससे यात्रियों को भारी मुसीबत उठानी पड़ी। यह नया नियम एयरलाइन्स की जवाबदेही तय करने और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।