बिलासपुर (चैनल इंडिया)। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने न्यायिक सिस्टम के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए व्यवहार न्यायाधीश जूनियर डिवीजन बैच 2024 को आधिकारिक रूप से हाई-एंड लैपटॉप वितरित किए। कार्यक्रम का नेतृत्व मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा ने किया, जिन्होंने इसे न्यायिक दक्षता और पारदर्शिता बढ़ाने की दिशा में ऐतिहासिक पहल बताया।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि न्यायपालिका आज जिस तेजी से तकनीकी बदलाव के दौर से गुजर रही है, उसमें प्रत्येक न्यायिक अधिकारी का डिजिटल रूप से दक्ष होना बेहद आवश्यक है। उन्होंने बताया कि वर्चुअल हियरिंग, ई- फाइलिंग, ऑनलाइन शोध संसाधनों और पेपरलेस कोर्ट के बढ़ते उपयोग ने न्यायिक कार्यप्रणाली को नई दिशा दी है। ऐसे समय में प्रशिक्षु न्यायाधीशों को सेवा के शुरुआती चरण में ही अत्याधुनिक तकनीकी सुविधाएं उपलब्ध कराना न्यायपालिका की दूरदर्शी सोच को दर्शाता है।
मुख्य न्यायाधीश ने न्यायाधीशों को सलाह देते हुए कहा कि लैपटॉप सिर्फ सुविधा का साधन नहीं, बल्कि न्याय की गति और गुणवत्ता बढ़ाने वाला एक महत्वपूर्ण उपकरण है। उन्होंने नए न्यायाधीशों से अपेक्षा जताई कि वे इन संसाधनों का उपयोग प्रभावी विधिक शोध, आदेश-निर्णय लेखन, केस मैनेजमेंट और निरंतर ज्ञान-वृद्धि के लिए करें। उन्होंने डिजिटल नैतिकता, डेटा सुरक्षा और अधिकृत ई-प्लेटफॉर्म के प्रभावी उपयोग पर भी विशेष जोर दिया।
कार्यक्रम में रजिस्ट्रार जनरल सहित उच्च न्यायालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। कंप्यूटरीकरण समिति और राज्य न्यायिक अकादमी द्वारा किए गए इस आयोजन को न्यायिक प्रशासन में बड़ा कदम माना जा रहा है, जो भविष्य में छत्तीसगढ़ की न्यायिक व्यवस्था को और अधिक व्यवस्थित, पारदर्शी और तकनीक-सक्षम बनाएगा। मुख्य न्यायाधीश की पहल को न्यायिक जगत में एक डिजिटल माइलस्टोन माना जा रहा है, जिसके प्रभाव आने वाले समय में कोर्टरूम से लेकर आम जनता की न्याय-प्राप्ति तक दिखाई देंगे।