बिलासपुर-रायपुर में शीतलहर के हालात, मैनपाट में जमी ओस की बूंदें
पारा 4 डिग्री तक उतरा
रायपुर (चैनल इंडिया)। उत्तर एवं पूर्व की बर्फीली हवाओं के प्रभाव से प्रदेश के उत्तर और मध्य हिस्से में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। बिलासपुर और रायपुर संभाग के कई हिस्सों में शीतलहर के हालात हैं। इधर सर्द हवाओं के प्रभाव से अम्बिकापुर का न्यूनतम तापमान रिकॉर्ड गिरावट के साथ 7.6 डिग्री पर पहुंच गया है जबकि छत्तीसगढ़ के शिमला मैनपाट सहित पठारी क्षेत्र सामरी पाट एवं लहसुन पाट का पारा 4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है।
मौसम विज्ञानी आगामी दिनों में भी शीतलहर का प्रकोप जारी रहने की संभावना व्यक्त कर रहे हैं। पिछले दो दिनों से शहर सहित पूरा सरगुजा संभाग शीतलहर की चपेट में है। मौसम विभाग ने 15 नवम्बर तक शीतलहर जारी रहने का अलर्ट जारी किया है। मौसमी व्यवधान शीत लहर पर प्रभावी नहीं हुआ तो ठंड का प्रभाव आगे जारी रहने की संभावना है। शीत लहर के प्रभाव से मंगलवार को न्यूनतम तापमान में सामान्य से 6.3 डिग्री की गिरावट होने के कारण एक बार फिर सरगुजा छत्तीसगढ़ का सबसे ठंडा क्षेत्र बन गया है।
शीतलहर के प्रभाव से छत्तीसगढ़ के शिमला मैनपाट एवं बलरामपुर जिला अंतर्गत पठारी क्षेत्र सामरी पाट एवं लहसुन पाट का न्यूनतम तापमान 4.0 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। पठारी क्षेत्र होने के कारण इन क्षेत्रों में ठंड से बचने के लिए अलाव का सहारा लेना पड़ रहा है। सुबह मैनपाट में घास के मैदानों एवं खलिहानों में पाला की सफेद चादर बिछ गई थी।
छह दशक में पहली बार रिकॉर्ड गिरावट
आमतौर पर सरगुजा में नवम्बर के तीसरे सप्ताह में पारा में तेज गिरावट होती है। कई बार मध्य नवम्बर के पूर्व भी न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है लेकिन पिछले 56 वर्षों में मंगलवार को मध्य नवम्बर के पूर्व न्यूनतम तापमान में इतनी अधिक गिरावट दर्ज की गई है जब पारा सामान्य से 6.3 डिग्री की गिरावट के साथ 7.6 के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है। न्यूनतम पारा में 0.3 डिग्री की और अधिक गिरावट होते ही क्षेत्रवासियों को भीषण शीतलहर से जूझना पड़ सकता है।

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