डीजी-आईजी कॉन्फ्रेंस का दूसरा दिन शुरू, पीएम मोदी और अमित शाह की मौजूदगी में 12 घंटे तक चलेगी बैठक
रायपुर। 60वें अखिल भारतीय डीजीपी-आईजीपी कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन की बैठक रायपुर में शुरू हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की मौजूदगी में सत्र जारी है। देशभर की पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के शीर्ष अधिकारी इस वार्षिक सम्मेलन में शामिल हो रहे हैं।
आज चार सत्र होंगे, जिनमें राज्यों के डीजीपी प्रेज़ेंटेशन देंगे। मुख्य फोकस राष्ट्रीय सुरक्षा, उभरती चुनौतियाँ और पिछली सिफारिशों की समीक्षा पर रहेगा। इसके साथ ही महिला सुरक्षा में तकनीक का उपयोग, जन-आंदोलन प्रबंधन, भगोड़े अपराधियों की वापसी के रोडमैप, फॉरेंसिक के व्यापक उपयोग और अनुसंधान की गुणवत्ता जैसे मुद्दों पर भी चर्चा होगी।
बैठक की थीम "विकसित भारत, सुरक्षित भारत" रखी गई है। छत्तीसगढ़ के डीजीपी अरुण देव गौतम बस्तर 2.0 की प्रस्तुति देंगे, जिसमें नक्सलवाद समाप्त होने के बाद 2026 तक की विकास रणनीति पर फोकस होगा। आईबी के विशेष निदेशक विजन 2047 पर प्रेज़ेंटेशन देंगे।
पीएम मोदी की मौजूदगी और दिनभर का कार्यक्रम
पीएम मोदी सुबह 8:15 बजे आईआईएम रायपुर पहुंचे। स्वागत कार्यक्रम के बाद लगातार रात 8 बजे तक बैठकें चलेंगी। इसमें आतंकवाद, नक्सलवाद, साइबर सुरक्षा और आंतरिक सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर गहन चर्चा होगी। बैठक के बाद पीएम रात में स्पीकर हाउस में ठहरेंगे।
अधिकारियों की ठहरने की व्यवस्था
प्रधानमंत्री का ठहराव एम-1 में और गृह मंत्री अमित शाह का एम-11 में तय किया गया है। एनएसए अजीत डोभाल, आईबी चीफ तपन डेका और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के लिए नए सर्किट हाउस और अन्य स्थानों पर कुल 250 से अधिक कमरे बुक किए गए हैं। 33 राज्यों से आए डीजीपी और पैरामिलिट्री फोर्स के 20 शीर्ष अधिकारियों सहित 75 वरिष्ठ पुलिस अधिकारी रायपुर में ठहरे हैं।
सुरक्षा की कमान
कॉन्फ्रेंस के दौरान सुरक्षा प्रबंधन की जिम्मेदारी एडीजी दीपांशु काबरा और आईजी अमरेश मिश्रा को दी गई है। राज्य पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों के साथ समन्वय भी इन्हीं के अधीन होगा।
सम्मेलन का महत्व
यह कॉन्फ्रेंस देश के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा के विभिन्न मुद्दों पर खुली चर्चा का प्रमुख मंच है। इसमें कानून-व्यवस्था, अपराध प्रबंधन, आंतरिक सुरक्षा और पुलिसिंग से जुड़े ढांचागत व प्रशासनिक पहलुओं पर विचार-विमर्श किया जाता है।
प्रधानमंत्री मोदी 2014 से इस सम्मेलन में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं और उनके मार्गदर्शन में इसकी संरचना एवं आयोजन स्थानों में लगातार सुधार हुआ है। इससे पहले यह कार्यक्रम असम, गुजरात, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान और ओडिशा सहित कई राज्यों में आयोजित किया जा चुका है।

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