संसद सत्र से पहले नया फरमान: राज्यसभा में 'जय हिंद' और 'वंदे मातरम' के नारों पर रोक, विपक्ष ने जताया कड़ा विरोध
Parliament session
नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र (Winter Session) की शुरुआत से ठीक पहले राज्यसभा सचिवालय द्वारा जारी एक नए बुलेटिन ने सियासी गलियारों में हलचल तेज कर दी है। इस बुलेटिन में सांसदों को सदन की कार्यवाही के दौरान 'जय हिंद' और 'वंदे मातरम' जैसे नारों का प्रयोग न करने की सलाह दी गई है।
क्या है नया निर्देश?
राज्यसभा सचिवालय ने अपने बुलेटिन में "संसदीय शिष्टाचार" का हवाला देते हुए कहा है कि सांसद अपने भाषण के समापन पर या बीच में 'थैंक्स', 'थैंक यू', 'जय हिंद' और 'वंदे मातरम' जैसे शब्दों का प्रयोग करने से बचें। सचिवालय का तर्क है कि सदन की परंपरा और नियम इस तरह के स्लोगन की इजाजत नहीं देते।
इसके अलावा, बुलेटिन में अनुशासन बनाए रखने के लिए कुछ अन्य सख्त निर्देश भी दिए गए हैं:
* यदि कोई सांसद किसी मंत्री या सदस्य की आलोचना करता है, तो उसे मंत्री के जवाब के समय सदन में उपस्थित रहना अनिवार्य होगा।
* सदन के 'वेल' (Well) में आकर किसी भी वस्तु का प्रदर्शन करने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
* चेयर (सभापति) के फैसलों पर सदन के भीतर या बाहर कोई टिप्पणी नहीं की जा सकेगी।
ममता बनर्जी का तीखा हमला :
इस फैसले पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा, "हम 'जय हिंद' और 'वंदे मातरम' क्यों नहीं बोल सकते? यह हमारी आजादी के नारे हैं और देश की पहचान हैं।" उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि "जो इनसे टकराएगा, वह चूर-चूर हो जाएगा।"
तृणमूल कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इसे अभिव्यक्ति की आजादी और संसदीय परंपराओं पर हमला बताते हुए विरोध दर्ज कराया है। गौरतलब है कि यह विवाद ऐसे समय में खड़ा हुआ है जब 1 दिसंबर से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने वाला है।

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