बांके बिहारी मंदिर में टूटी सालों पुरानी परंपरा, सैलरी न मिलने पर हलवाई ने नहीं बनाया ठाकुर जी का भोग
वृंदावन/मथुरा। वृंदावन के प्रसिद्ध ठाकुर बांके बिहारी मंदिर (Banke Bihari Temple) से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। मंदिर में ठाकुर जी के लिए भोग तैयार करने वाले हलवाई को पिछले 4 महीने से वेतन नहीं मिला था, जिसके चलते उसने रविवार को भोग बनाना बंद कर दिया। इसके कारण मंदिर की सालों पुरानी परंपरा टूट गई और ठाकुर जी को घर (मंदिर की रसोई) में बने व्यंजनों की जगह बाजार से मंगाए गए सूखे मेवे और पेड़े का भोग लगाना पड़ा।
क्या है पूरा मामला?
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मंदिर की व्यवस्थाओं की देखरेख के लिए एक 'हाई पावर कमेटी' और सिविल जज (जूनियर डिवीजन) द्वारा नियुक्त रिसीवर कार्य कर रहे हैं। मंदिर में ठाकुर जी के 'बाल भोग' और 'शयन भोग' के लिए एक विशेष हलवाई नियुक्त है, जिसे 80,000 रुपये प्रतिमाह वेतन तय किया गया है।
4 महीने से नहीं मिला वेतन :
हलवाई का आरोप है कि उसे पिछले 4 महीनों से वेतन नहीं दिया गया है। आर्थिक तंगी से परेशान होकर उसने काम बंद कर दिया। हलवाई के हड़ताल पर जाने के कारण:
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मंदिर की रसोई में चूल्हा नहीं जला।
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ठाकुर जी के लिए नियमित रूप से बनने वाली कचौड़ी, सब्जी, खीर और अन्य व्यंजन तैयार नहीं हो सके।
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आनस्-फानन में बाजार से पेड़े और मेवे मंगाकर भगवान को भोग अर्पित किया गया।
प्रशासन की लापरवाही पर सवाल :
भक्तों और सेवायतों में इस घटना को लेकर गहरा रोष है। उनका कहना है कि करोड़ों का चढ़ावा आने वाले मंदिर में भगवान की सेवा करने वाले कर्मचारी को वेतन के लिए तरसना पड़े, यह दुर्भाग्यपूर्ण है। बताया जा रहा है कि रिसीवर और कमेटी के बीच समन्वय की कमी या कागजी कार्रवाई में देरी के कारण भुगतान रुका हुआ था। फिलहाल, प्रशासन ने मामले को संज्ञान में लिया है और जल्द ही भुगतान करवाकर व्यवस्था सुचारू करने की बात कही है।

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