धर्मेंद्र के निधन के बाद 450 करोड़ की साम्राज्य पर सवाल: असली वारिस कौन? हेमा मालिनी को मिलेगा हक या नहीं? जानें कानूनी पहलू
मुंबई। बॉलीवुड के 'ही-मैन' धर्मेंद्र के 24 नवंबर को 89 वर्ष की आयु में निधन ने न केवल फिल्म जगत को शोक में डुबो दिया, बल्कि उनकी 450 करोड़ रुपये की विशाल संपत्ति के बंटवारे पर भी बहस छेड़ दी है। दो शादियों से छह बच्चों और दो पत्नियों वाले इस दिग्गज अभिनेता की प्रॉपर्टी जिसमें मुंबई के आलीशान फार्महाउस, लोनावाला का 100 एकड़ फार्म, विजेता फिल्म्स जैसी प्रोडक्शन हाउस और 'गरम धर्म ढाबा' चेन शामिल हैं का असली मालिक कौन बनेगा? हिंदू उत्तराधिकार कानून के तहत क्या होगा वितरण? आइए, जानते हैं पूरी डिटेल।
संपत्ति का अनुमानित मूल्य और विवरण :
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, धर्मेंद्र की कुल नेटवर्थ 335 से 450 करोड़ रुपये के बीच है। इसमें रियल एस्टेट प्रॉपर्टीज प्रमुख हैं, जैसे मुंबई और पंजाब में फैले आलीशान घर, लोनावाला का विशाल फार्महाउस। इसके अलावा, उनकी फिल्म प्रोडक्शन कंपनी 'विजेता फिल्म्स' और रेस्टोरेंट चेन 'गरम धर्म ढाबा' भी संपत्ति का हिस्सा हैं। कोई वसीयत न होने की स्थिति में यह सब हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 के तहत बंटेगा।
धर्मेंद्र की दो शादियां, छह वारिस :-
धर्मेंद्र की पहली शादी 1954 में प्रकाश कौर से हुई, जिनसे उन्हें चार बच्चे हुए। दूसरी शादी 1980 में हेमा मालिनी से, जिनसे दो बेटियां। लेकिन कानूनी पेचीदगी यहीं है पहली पत्नी जीवित होने पर दूसरी शादी हिंदू मैरिज एक्ट के तहत अमान्य मानी जाती है। ऐसे में हेमा मालिनी को पत्नी के रूप में संपत्ति पर हक नहीं मिलेगा, लेकिन उनकी बेटियां वैध संतान हैं।
कानूनी पहलू: किसे मिलेगा बड़ा हिस्सा?
वकीलों के अनुसार, धर्मेंद्र की संपत्ति दो भागों में बंटेगी स्व-अर्जित (जैसे फिल्मों से कमाई) और पैतृक। स्व-अर्जित संपत्ति पर सभी छह बच्चों और पहली पत्नी प्रकाश कौर का बराबर हक होगा। लेकिन पैतृक संपत्ति के मामले में 'नोटिशनल पार्टिशन' (काल्पनिक बंटवारा) लागू होगा, जहां धर्मेंद्र का हिस्सा पहले वारिसों में बांटा जाएगा। दूसरी शादी के बच्चों (ईशा और अहाना) को पैतृक संपत्ति पर हक मिलेगा, लेकिन हेमा मालिनी को पेंशन या संपत्ति में कोई हिस्सा नहीं।
सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के आधार पर, पहली शादी के बच्चे (सनी और बॉबी) को स्व-अर्जित संपत्ति पर ज्यादा फायदा हो सकता है, क्योंकि वे पुराने वारिस हैं। यदि कोई वसीयत सामने आती है, तो बात बदल सकती है, लेकिन फिलहाल ऐसी कोई जानकारी नहीं।
विशेषज्ञों की राय: परिवारिक सौहार्द की उम्मीद
प्रॉपर्टी लॉ एक्सपर्ट राजेश कुमार ने कहा, "यह केस जटिल है, लेकिन कानून सभी बच्चों को समान मानता है। परिवारिक झगड़े से बचने के लिए मीडिएशन की सलाह दूंगा।" वहीं, बॉबी देओल के करीबी ने बताया, "धर्मेंद्र साहब हमेशा परिवार को एकजुट रखना चाहते थे। संपत्ति से ज्यादा उनकी विरासत महत्वपूर्ण है।"
हेमा मालिनी ने शोक संदेश में कहा, "धर्म जी की संपत्ति नहीं, उनकी यादें ही असली धरोहर हैं।" सनी देओल ने भी कहा, "हम सब एक हैं, कोई विवाद नहीं होगा।"
आगे क्या?
संपत्ति बंटवारे की प्रक्रिया कोर्ट में दर्ज होने के बाद शुरू होगी, जो महीनों ले सकती है। फिलहाल, अंतिम संस्कार के बाद परिवार शोक में डूबा है। बॉलीवुड के इस 'गढ़' की विरासत अब अगली पीढ़ी संभालेगी लेकिन सवाल वही: हक किसका ज्यादा?

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