कुकुर संग अब गुरुजी मन सांप-बिच्छी, कीड़ा- मकोड़ा ल भी देखही

कुकुर संग अब गुरुजी मन सांप-बिच्छी, कीड़ा- मकोड़ा ल भी देखही
रायपुर (चैनल इंडिया)। छत्तीसगढ़ में स्कूल शिक्षा विभाग का एक अजीबोगरीब निर्देश सामने आया है, जिसमें अब सरकारी और निजी स्कूलों के शिक्षकों को न सिर्फ बच्चों को पढ़ाने की, बल्कि स्कूल परिसर से सांप, बिच्छू और जहरीले जीव-जंतुओं को भगाने की जि़म्मेदारी भी दी गई है। आदेश में साफ कहा गया है कि अगर परिसर में ऐसे खतरनाक जीव नजऱ आएं तो बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना शिक्षकों का दायित्व होगा।
जानकारी के मुताबिक पहले शिक्षकों पर आवारा कुत्तों को नियंत्रण में रखने और उन्हें स्कूल परिसर से दूर रखने की जि़म्मेदारी डाली गई थी। अब नए निर्देश में इस दायरे को बढ़ाकर सांप, बिच्छू और दूसरे जहरीले जीवों तक बढ़ा दिया गया है, जिससे शिक्षकों में नाराजग़ी और हैरानी दोनों देखी जा रही है। कई शिक्षक सवाल उठा रहे हैं कि बिना किसी ट्रेनिंग और संसाधन के ऐसे खतरनाक जीव-जंतुओं से निपटना क्या व्यावहारिक और सुरक्षित है।
इधर विभागीय अधिकारियों का तर्क है कि स्कूल परिसर में पढऩे वाले बच्चों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। उनका कहना है कि जब तक स्थानीय निकाय या विशेषज्ञ टीमें मौके पर पहुंचें, तब तक हालात संभालने की जिम्मेदारी स्कूल प्रबंधन और शिक्षकों की होगी, ताकि किसी अप्रिय घटना को रोका जा सके। अब देखना यह होगा कि इस अनोखे आदेश पर शिक्षक संगठन क्या रुख अपनाते हैं और क्या इसे लेकर कोई राहत मिलती है या नहीं।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला
डीपीआई ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए प्रदेश के सभी जिला शिक्षाअधिकारियों, प्राचार्यों और प्रधान पाठकों को आदेश दिया गया है इस आदेश में निर्देश दिया गया है कि संस्था प्रमुख सांप, बिच्छू और अन्य जहरीले जंतुओं का शाला परिसर के अंदर प्रवेश न करने दे, आदेश तत्काल सभी स्कूलों को पालन सुनिश्चित करने के निर्देश भी जारी किए गए है।