सुप्रीम कोर्ट की सख्ती: आवारा कुत्तों पर राज्यों को फटकार, मुख्य सचिवों को शारीरिक हाजिरी का आदेश
नई दिल्ली। आवारा कुत्तों की बढ़ती समस्या पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक बार फिर कड़ी फटकार लगाई। जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने शुक्रवार को सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के माध्यम से मुख्य सचिवों को व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट देने की याचिका खारिज कर दी।
कोर्ट ने वर्चुअल पेशी की अनुमति से इनकार करते हुए कहा, "नहीं, उन्हें शारीरिक रूप से (फिजिकली) आना होगा।" बेंच ने नाराजगी जताई कि अदालत के आदेशों का पालन नहीं हो रहा और हलफनामे जमा नहीं किए गए। उन्होंने राज्यों को "सोए हुए" बताते हुए टिप्पणी की, "यह अफसोसजनक है कि कोर्ट का समय ऐसी समस्याओं पर व्यय हो रहा, जिन्हें नगर निगम और राज्य सरकारें वर्षों पहले सुलझा सकती थीं। संसद नियम बनाती है, लेकिन कार्रवाई नहीं होती। कोर्ट के आदेश की कोई इज्जत नहीं!"
कोर्ट ने 3 नवंबर को मुख्य सचिवों को व्यक्तिगत रूप से हाजिर होने का निर्देश दिया, जहां वे गैर-अनुपालन के कारण स्पष्ट करेंगे और हलफनामे जमा करेंगे। यह मामला आवारा कुत्तों के प्रबंधन और पशु कल्याण से जुड़ा है, जो मानव-जानवर संघर्ष को रोकने के लिए महत्वपूर्ण है।

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