14 दिसंबर का पंचांग: रविवार को पौष कृष्ण दशमी का संयोग; जानें राहुकाल और शुभ कार्यों का सही समय
रायपुर। रविवार, 14 दिसंबर 2025 का दिन धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। पौष माह का कृष्ण पक्ष चल रहा है और यह दिन ग्रहों के राजा भगवान सूर्य को समर्पित है। यदि आप कल कोई नया वाहन खरीदने, गृह प्रवेश या महत्वपूर्ण यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो शुभ और अशुभ समय का ध्यान जरूर रखें।
रविवार को राहुकाल शाम के समय होता है, इसलिए इस दौरान विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।
आज का पंचांग (14 दिसंबर 2025)
-
दिनांक: 14 दिसंबर 2025
-
दिन: रविवार (Ravivar)
-
माह: पौष (कृष्ण पक्ष)
-
तिथि: दशमी (Dashami) - (पूरा दिन और रात तक)
-
नक्षत्र: चित्रा नक्षत्र (Chitra) - दोपहर तक, उसके बाद स्वाति नक्षत्र।
-
सूर्योदय: सुबह 06:41 बजे (स्थान अनुसार आंशिक बदलाव संभव)
-
सूर्यास्त: शाम 05:36 बजे
शुभ और अशुभ मुहूर्त (Shubh-Ashubh Muhurat)
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, राहुकाल में किया गया कार्य सफल नहीं होता, जबकि अभिजीत मुहूर्त हर काम के लिए सिद्ध माना जाता है।
1. शुभ समय (Shubh Muhurat):
-
अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:56 बजे से दोपहर 12:37 बजे तक। (यह दिन का सबसे श्रेष्ठ समय है)।
-
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 05:15 बजे से 06:05 बजे तक (ध्यान और पूजा के लिए)।
2. अशुभ समय (Rahu Kaal - विशेष ध्यान दें):
-
राहुकाल: शाम 04:15 बजे से 05:35 बजे तक (सूर्यास्त से पहले)।
-
सावधानी: इस डेढ़ घंटे के दौरान कोई भी नया एग्रीमेंट साइन न करें और न ही कोई नया काम शुरू करें।
3. दिशाशूल (Disha Shool):
-
रविवार को पश्चिम दिशा (West) में यात्रा करना वर्जित माना जाता है।
-
उपाय: यदि यात्रा करना बहुत जरूरी हो, तो घर से निकलते समय 'पान' खाकर या थोड़ा 'गुड़' खाकर निकलें।
रविवार का विशेष महत्व और उपाय
पौष का महीना सूर्य देव की पूजा के लिए सबसे पवित्र माना जाता है। इस महीने में सूर्य की किरणों का सीधा प्रभाव स्वास्थ्य पर पड़ता है।
-
अर्घ्य दें: सुबह स्नान के बाद तांबे के लोटे में जल, लाल चंदन, लाल फूल और थोड़ा सा गुड़ डालकर 'ॐ घृणि सूर्याय नमः' मंत्र के साथ सूर्य को अर्घ्य दें।
-
दान: रविवार को तांबे के बर्तन, गेहूं या गुड़ का दान करना कुंडली में सूर्य को मजबूत करता है और मान-सम्मान बढ़ाता है।
-
पाठ: यदि आप सरकारी नौकरी या प्रशासनिक कार्यों में सफलता चाहते हैं, तो कल 'आदित्य हृदय स्तोत्र' का पाठ अवश्य करें।
(नोट: पंचांग की गणना रायपुर और आसपास के समय अनुसार है। अन्य शहरों में सूर्योदय के हिसाब से कुछ मिनटों का अंतर हो सकता है।)

admin 









