सांसद मोहन मंडावी को जन्मदिन पर बधाई देने भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं का लगा तांता

सांसद मोहन मंडावी को जन्मदिन पर बधाई देने भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं का लगा तांता

राष्ट्रपति,उपराष्ट्रपति,प्रधानमंत्री , केंद्रीय मंत्री व मुख्यमंत्री सहित मंत्री विधायकों ने भी दी बधाई

कांकेर। कांकेर लोकसभा के  रामायणी सांसद मोहन मंडावी का जन्मदिन 1 मई धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर सांसद मोहन मंडावी को सुबह से ही बधाई देने का तांता लग रहा।जन्मदिन के दूसरे दिन भी बधाई देने का सिलसिला जारी रहा।

सांसद मंडावी को राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति,प्रधानमंत्री , केंद्रीय मंत्री,मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों सहित विधायकों भाजपा के कार्यकर्ता ,पदाधिकारियों और उनके समर्थकों ने संदेश पत्र, सोशल मीडिया के माध्यम से तथा प्रत्यक्ष मुलाकात कर बधाई दी। जन्मदिन के अवसर पर सांसद ने कार्यालय में बधाई देने के लिए लोगों का तांता लगा रहा।

 देश भर में रामायणी सांसद के नाम से प्रसिद्द मोहन मंडावी का जन्म 1 मई को अविभाजित मध्यप्रदेश के कांकेर जिले के ग्राम गोटीटोला में हुआ। बचपन से ही मोहन प्रकृति प्रेमी थे। छात्र जीवन में वें शुरु से ही मेधावी रहे। उन्होंने एम. ए. की शिक्षा पूर्ण की। जिसके बाद वें शिक्षक के रुप में कार्य करने लगे। बतौर शिक्षक वें शिक्षक संघ संभाग के कई उच्च पदों पर रहे। मोहन मंडावी आदिवासी समाज के प्रदेश के उपाध्यक्ष से लेकर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष तक रहे। वें सन 2002 से गांव में श्रीरामचरितमानस ग्रंथ वितरित कर प्रभु राम के प्रति जन-जन में अलख जगाने गांवों में महिला पुरूष की रामायण मंडलिया गठित करवाते है। आज छत्तीसगढ़ सहित उड़ीसा और महाराष्ट्र में हज़ारों रामायण मंडलिया हैं। जो गांव-गांव में प्रभु श्री राम जी के प्रचार में रामायण कार्यक्रमों के माध्यम से राम राज के परिकल्पना को साकार करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

मोहन मंडावी सबसे पहले शिक्षक थे। वें शिक्षक के पद से इस्तीफा देकर शिक्षा आयोग के मेंबर बने। शुरू से ही रामायणी और प्रभु राम की सेवा में लगे मोहन तुलसी मानस प्रतिष्ठान के जिला अध्यक्ष से लेकर कई वर्षो तक प्रदेश अध्यक्ष रहे। मोहन शिक्षक आयोग मेंबर से इस्तीफा देकर छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के मेंबर रहे। मोहन मंडावी रामायणी के नाम से प्रसिद्द हैं।  यहीं कारण हैं उनकी लोकप्रियता को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें कांकेर लोकसभा के सांसद का प्रत्याशी बनाया और लोकसभा 8 सीटों में कांग्रेस का कब्जा होने के बावजूद उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी से जीत हासिल की। वर्तमान में सांसद रहते मोहन मंडावी ने कई उपलब्धियां हासिल की। उन्होंने अपने सन 2002 में शुरू किए मानस ग्रंथ वितरण के सफर को 51 हजार परिवारों को  वितरण करके वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। वें दुनियां के पहले ऐसे सांसद बन गए जिन्होंने राम काज कर 51 हजार मानस ग्रंथ वितरित की हो। श्री मोहन मंडावी जी पूरे देश में पहले रामायणी सांसद के नाम से मशहूर हैं। हाल ही में उन्होंने 5 साल सदन में 100 प्रतिशत उपस्थिति दर्ज कर देश के सबसे सजग सांसद होने का रिकॉर्ड बनाया। वें क्षेत्र के विकास कार्य में भी अव्वल रहे।